महाराणा प्रताप का हाथी 'रामप्रसाद'

मेवाड़ की पावन धरा पर अनेको योद्धाओं ने जन्म लिया जिनहोने मातृभुमी के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया
अनेक अभाव व अत्याचारो के बावजुद पराधिनता स्वीकार नही कि। समय आने पर यहा के  यहाँ के पशुओ ने भी स्वामिभक्ति का अपार परिचय दिया महाराणा प्रताप के चेतक घोड़े की स्वामिभक्ति विश्व प्रसिद्द है पर बहुत कम लोग महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद की स्वामिभक्ति के बारे मै जानते
हल्दी घाटी युद्ध मै जाने से पहले अकबर ने अपनी सेना से युद्ध जीतकर महाराणा प्रताप के साथ रामप्रसाद को बंदी बना कर दिल्ली लाने का आदेश दिया था।
हल्दि घाटी के ऐतिहासिक युद्ध मै रामप्रसाद ने शाही सेना मै खलबली मचा दी रामप्रसाद शाही सेना पर भरी पड़ा और उसने शाही सेना के 6 हाथी मार दिए अंत मै 12 हाथियो और महावतों का चक्रव्युह बना कर रामप्रसाद को काबू मै कर लिया गया ।

तथा उसे दिल्ली ले जाय गया जहाँ अकबर ने उसका नाम बदलकर पीर प्रसाद रख दिया तथा आदेश दिया की इसे उसका मनपसंद खाना देकर प्रसन्न करो और शाही सेना मै शामिल करलो पर रामप्रसाद ने खाना तो दूर पानी को भी मुँह नहीं लगाया जब अकबर को पता चला की रामप्रसाद प्रलोभन मै नहीं आ रहा

 
तो उसे तरह तरह की यातनाये दी गयी परन्तु रामप्रसाद ने अपने स्वाभिमान को आंच नहीं आने दी अंत मै भूखा प्यासा रहकर प्राण त्याग दिए पर अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।

धन्य है मेवाड़ की धरा और धन्य है महाराणा प्रताप जिनका हाथी भी अकबर के सामने नहीं झुका

रामप्रसाद की मृत्यु पर अकबर ने कहा था ''जीस महाराणा के हाथी को मै नहीं झुका पाया उस महाराणा को अपने सामने कैसे झुकाउन्गा''
जय एकलिंगजी
जय महाराणा प्रताप

Comments

  1. Akbar mahan nhi saitan tha jo janwaro par esa atyachar krta tha vo bacho or orton par kitna atyachar krta hoga
    akbar ko mahan btane vale logo per thukta hu main ..
    #thu

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