नमस्कार
दोस्तो जैसा की इस ब्लॉग के टाइटल और इस पोस्ट के टाइटल से आपको पता चल गया होगा कि हम किसके बारे मैं बात करने वाले है
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप नाम सुनते ही हमारे दिमाग मै कुछ शब्द घुमने लगते है
जैसे हल्दी घाटी चेतक अकबर भामाशाह
आइये महाराणा के जीवन पर प्रकाश डालते है
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 में मेवाड़ (राजस्थान) में हुआ| महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजा उदयसिंह(जिनकी रक्षा पन्ना धाय ने की थी ) के पुत्र थे| महाराणा प्रताप बचपन से ही वीर और साहसी थे| उन्होंने जीवन भर अपनी मातृभूमि की रक्षा और स्वाभिमान के लिए संघर्ष किया| जब पूरे हिन्दुस्तान में अकबर का साम्राज्य स्थापित हो रहा था, तब वे 16वीं शताब्दी में अकेले राजा थे जिन्होंने अकबर के सामने खड़े होने का साहस किया| वे जीवन भर संघर्ष करते रहे लेकिन कभी भी स्वंय को अकबर के हवाले नहीं किया|
महाराणा प्रताप का कद साढ़े सात फुट एंव उनका वजन 110 किलोग्राम था| उनके सुरक्षा कवच का वजन 72 किलोग्राम और भाले का वजन 80 किलो था| कवच, भाला, ढाल और तलवार आदि को मिलाये तो वे युद्ध में 200 किलोग्राम से भी ज्यादा वजन उठाए लड़ते थे| आज भी महाराणा प्रताप का कवच, तलवार आदि वस्तुएं उदयपुर राजघराने के संग्रहालय में सुरक्षित रखे हुए है|
अगर कभी आप उदयपुर जाए तो हल्दी घाटी की भूमि और उदयपुर राजघराने के संग्रहालय के दर्शन जरूर करिएगा | हमारे अगले ब्लॉग मैं पढ़िए महाराणा के प्रारंभिक जीवन और उनके बारे मे रोचक वर्णन
पड़ने के लिए धन्यवाद
कृप्य पुनः पधारे
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